पुस्तक के विषय में
मेरे श्यामसुन्दर! मेरे घनश्याम !!! घनश्याम !!! आओ, मैं, तुम्हें देख- देखकर नाचूँ । यह जीवन कितना पवित्र है, मैं तुम्हें देखकर नाचूँगा । क्या तुम आ रहे हो? तो मैं अब नाचता हूँ । तुम सचमुच आ गये । मेरे नाचके साथ बाँसुरी मिलाकर तुम भी नाच रहे हो । धन्य है तुम्हें । मेरा पक्षी जीवन सार्थक है, पर मेरा कैसा' यह तो तुम्हारा ही है । नचा लो श्याम । खूब नचा लो । जी भरकर नचा लो । मैं तुम्हारे इशारे पर नाचता हूँ ।...
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Art & Architecture ( कला एवम् वास्तुकला ) (785)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1840)
Buddhist ( बौद्ध ) (636)
Chaukhamba | चौखंबा (3344)
Cinema (सिनेमा) (96)
Devi ( देवी ) (1201)
Dharmashastra ( धर्मशास्त्र ) (154)
Gita (434)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (728)
Hindu ( हिंदू धर्म ) (13283)
History ( इतिहास ) (7965)
Jainism (जैन धर्म) (130)
Jeevani ( जीवनी ) (910)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1391)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist