भावार्थ रत्नाकर: Bhavartha Ratnakar

$19
Item Code: NZA887
Author: कृष्ण कुमार (Krishna Kumar)
Publisher: Alpha Publications
Language: Hindi
Edition: 2012
Pages: 239
Cover: Paperback
Other Details 8.5 inch X 5.5 inch
Weight 280 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business
Book Description

पुस्तक के विषय में

नई शताब्दी के आरम्भ में मेरा सम्पर्क ज्योतिष शोध मंडल के सदस्यों से हुआ । बातचीत के दौरान भावार्थ रत्नाकर व उसके महत्व पर भी चची हुई । वर्ष में लगभग माह तक इस श्रेष्ठ कृति का अध्ययन व अध्यापन चला ।

आदरणीय डॉ बीवी रमण ने अंग्रेजी में तो श्री जगन्नाथ भसीन ने हिन्दी में इस ग्रन्थ पर टीका लिखी है। श्री गोपेश कुमार ओझा ने अपनी फलदीपिका में भावार्थ रत्नाकर के योगों का संकलन किया है ।

श्री रामानुजाचार्य का यह नथ निश्चय ही उत्कृष्ट व अद्वितीय है । कदाचित पहली बार द्वादश लग्न पर ऐसा गहन व सटीक विचार इस पुस्तक में हुआ है । शाधार्थियों का आग्रह था कि सूत्र-परीक्षण के लिए लग्न परक कुण्डली संग्रह भी इसमें संलग्न किया जाना चाहिए । पाठकों की सुविधा के लिए कुण्डलियाँ भी सम्मिलित की गई ।

इस कृति का दूसरा खंड विभिन्न योगों पर प्रकाश डालता है । निश्चय ही यह इस पुस्तक का अति महत्वपूर्ण व उपयोगी भाग है ।

परस्पर विचार-विमर्श से उपजे विचार व टिप्पणियों का संकलन कब एक पुस्तक बन गया-मुझे तो पता भी नहीं चला ।

कुण्डली संग्रह व टीका टिप्पणी के कारण पुस्तक का आकार निश्चय ही बढ़ गया है । किन्तु शायद आकार से कहीं ज्यादा उपयोगिता बड़ी है ऐसा शोधकर्ताओं का विश्वास है । मैं सर्व श्री राजेश चन्द्र गुप्त श्री प्रकाश चन्द्र, नीरज खरबन्दा सचिन सैनी अनुराग बागड़िया धर्मवीर तथा श्रीमती सुमेधा कक्कड़ का आभारी हूँ जिनके सहयोग से पुस्तक का प्रारूप तैयार हुआ ।

इस पुस्तक में श्री रामानुजाचार्य के विचार व अनुभवों को संजोने का प्रयास हुआ हैं-यदि कहीं टीका या व्याख्या में मेरी अज्ञानता या प्रमाद से कोई दोष उत्पन्न हुआ हो तो उसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ।

'गोपाल की करी सब होई

 

जो अपना पुरषारथ मानै अति झूठौ है सोई ।

 

सो ये कृति मेरी नहीं है यह तो उस की है जो सदा सबकुछ किया करता है-फिर ये मैं कौन?

कृतज्ञता

ज्ञापन परमज्योति के उपासक दिव्य दृष्टा ऋषि मुनि व योगियों ने मानव मात्र के कल्याण के

लिए इस ज्ञान का विकास किया, मैं उनका आभारी हूँ ।

हजारों वर्षो से ज्योतिर्विज्ञान के उपासक इस ज्ञान से समाज का कल्याण व मार्गदर्शन

कर रहे हैं वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं ।

भारत की प्राचीन धरोहर की रक्षा के लिए अनेक विद्वान ज्योतिष के पठन-पाठन, लेक

प्रकाशन व साहित्य वितरण सम्बन्धी कार्यो से जुड़े हैं वे सभी आदर व प्रशंसा के पात्र है। उनको शत-शत नमन।

मेरे गुरुजन श्री रोहित वेदी, श्री रंगाचारी, डॉ श्रीकान्त गौड़ श्री विनय आदित्य श्री

एसएस रुस्तगी, श्री के थ्यागराजन व डॉ प्रवीण कुमार नै मेरा उत्साह व मनोबल बढ़ाया।

मैं उनका हृदय से आभारी हूँ।

श्री अमृतलाल जैन उनके पुत्र श्री देवेन्द्र व पुनीत जैन तथा कार्यदल के सभी सदस्यों ने निष्ठापूर्वक श्रम कर इस पुस्तक को सजाया व सँवारा। वे निश्चय ही प्रशंसा के पात्र हैं।

मेरे छात्र प्रशंसक, मित्र व पाठक मेरी लेखनी की प्राण शक्ति हैं। उनके बिना इस पुस्तक का लेखन-सम्पादन असम्भव था-वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं।

 

विषय-सूची

1

मेष लग्न

 

2

वृष लग्न

16-27

3

मिथुन लग्न

28-39

4

कर्क लग्न

40-54

 5

सिंह लग्न

55-67

6

कन्या लग्न

68-77

7

तुला लग्न

78-92

8

वृश्चिक लग्न

93-103

9

धनु लग्न

104-115

10

मकर लग्न

116-126

11

कुम्भ लग्न

127-141

12

मीन लग्न

142-157

13

धन योग विचार

158-162

14

विद्या विचार

163-166

15

खान-पान

167-170

16

भ्रातृ सुख

171

17

वाहन तथा भाग्य

172-173

18

शत्रु और रोग विचार

174

19

स्त्री और काम सुख

175-176

20

आयु और स्वास्थ्य

177-178

21

भाग्ययोग

179-183

22

राजयोग

184-189

23

तीर्थ स्नान

190-194

24

मृत्यु योग

195-198

25

दशा के परिणाम

199-205

26

सामान्य योग

206-209

27

ग्रह मालिक योग

210-212

परिशिष्ट

 

ग्रह व राशि सम्बन्ध

213

 

नाभस योग-(32 योग)

214-217

 

फल कथन के सूत्र

218-219

 

 

 

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at [email protected]
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through [email protected].
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy

Book Categories