लेखक के विषय में
प्रत्येक व्यक्ति ईश्वर की साधना-पूजा करके मनोकामनाओं की पूर्ति करना चाहता है, साथ ही साथ दुःख, कष्टों से मुक्ति भी चाहता है! इसलिए प्राचीनकाल से ही समस्त सम्प्रदायों में ईश्वर की साधना-पूजा का अपनी-अपनी मानताओं एवं आस्थाओें के अनुसार प्रचलन रहा है ! ईश्वर की उपासना की साथ-साथ उपवास के दौरान साधक दिन मैं एक बार भोजन करता है अथवा निराहार रहता है ! ऎसे मैं की गई साधना-पूजा द्वारा ईश्वर की उपसना की जाये तो कामना की पूर्ति शीघ्र होती है! हमारे देश में विभिन्न सम्प्रदायों में विभिन्न प्रकार की उपासनायें देखने को मिलती हैं ! इसके माध्यम से साधक अपने आप को ईश्वर के प्रति समर्पित कर देता है! परिणाम स्वरूप उसे इच्छित फल की प्राप्ति होती है !
वर्षभर में अनेक ऐसे विशेष अवसर आते हैं तब साधक ईश्वर की विशेष उपसना के लिए उपवास एवं वर्त करते हैं! यह अपनी-अपनी आस्थाओें पर निर्भर करता है
की साधक विशेष पर्वों पर ईश्वर को कैसे प्रसन्न कर पाता है ! उपवास एवं उपासना पुस्तक में देश के विभिन्न प्रान्तों में मनाये जाने वाले विशेष पर्वों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ उस दिन किये जाने वाले उपवास की बारे में विशेष जानकारी दी गई है ! उपवास एवं उपासना पुस्तक आपको इन समस्त विशेष पर्वों के बारे में विस्तार से परिचित कराती है !
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