लेखक के बारे में
डॉ. एस. सी. कुरसीजा एम. ए.. डी. एस. एन. डी 1968 से होम्योपैथिक परामर्शदाता बनकर पुरानी बीमारियों की चिकित्सा कर रहे हैं। उन्होंने होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली के विभिन्न पदों पर कार्य किया है। दिल्ली होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली की मासिक पत्रिका "होम्योपैथिक संदेश" के संस्थापक मुख्य सम्पादक रहे हैं। आजकल डी.एच. एस. मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उनकी सेवाओं के लिए बोर्ड ऑफ होम्योपैथिक सिस्टम ऑफ मैडिसिन दिल्ली ने "डॉ. युद्धवीर सिंह एवार्ड" से सम्मानित किया तथा प्रशस्ति पत्र दिया है। वे अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, राजघाट कॉलोनी, दिल्ली के सचिव पद पर कार्य कर चुके हैं।
भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली में ज्योतिष पढ़ा तथा 1993 से वह ज्योतिष भी पढ़ा रहे है। उनके लेख ज्योतिष के विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहते हैं। उन्हें 'ज्योतिष वराहमिहिर' 'ज्योतिष रत्न', 'ज्योतिष वाचस्पति', 'ज्योतिष कोविद्' आदि सम्मानों से सम्मानित किया गया है। आजकल वे अखिल भातीय ज्योतिष संस्था संघ, दिल्ली के संचिव हैं तथा ज्योतिष पढ़ा रहे हैं। वास्तु व ज्योतिष के परामर्शदाता भी हैं।
अनुक्रमणिका |
||
लेखक की चाह |
7 |
|
1 |
कालसर्प क्या है? |
9 |
2 |
राहु-केतु से बनने वाले योग |
26 |
3 |
कालसर्प योग-प्रकार |
39 |
4 |
कालसर्प योग भंग राजयोग |
45 |
5 |
कालसर्प योग की कुंण्डलियों का विस्तार से अध्ययन |
55 |
6 |
कालसर्प योग अधिक तीव्र हो जाता है |
66 |
7 |
कालसर्प योग की शांति के ज्योतिषीय उपाय |
71 |
8 |
लाल किताब के कालसर्प के टोटके |
76 |
9 |
कालसर्प योग की शांति का शास्त्रोक्त विधि-विधान |
86 |
लेखक के बारे में
डॉ. एस. सी. कुरसीजा एम. ए.. डी. एस. एन. डी 1968 से होम्योपैथिक परामर्शदाता बनकर पुरानी बीमारियों की चिकित्सा कर रहे हैं। उन्होंने होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली के विभिन्न पदों पर कार्य किया है। दिल्ली होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली की मासिक पत्रिका "होम्योपैथिक संदेश" के संस्थापक मुख्य सम्पादक रहे हैं। आजकल डी.एच. एस. मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उनकी सेवाओं के लिए बोर्ड ऑफ होम्योपैथिक सिस्टम ऑफ मैडिसिन दिल्ली ने "डॉ. युद्धवीर सिंह एवार्ड" से सम्मानित किया तथा प्रशस्ति पत्र दिया है। वे अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, राजघाट कॉलोनी, दिल्ली के सचिव पद पर कार्य कर चुके हैं।
भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली में ज्योतिष पढ़ा तथा 1993 से वह ज्योतिष भी पढ़ा रहे है। उनके लेख ज्योतिष के विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहते हैं। उन्हें 'ज्योतिष वराहमिहिर' 'ज्योतिष रत्न', 'ज्योतिष वाचस्पति', 'ज्योतिष कोविद्' आदि सम्मानों से सम्मानित किया गया है। आजकल वे अखिल भातीय ज्योतिष संस्था संघ, दिल्ली के संचिव हैं तथा ज्योतिष पढ़ा रहे हैं। वास्तु व ज्योतिष के परामर्शदाता भी हैं।
अनुक्रमणिका |
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लेखक की चाह |
7 |
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1 |
कालसर्प क्या है? |
9 |
2 |
राहु-केतु से बनने वाले योग |
26 |
3 |
कालसर्प योग-प्रकार |
39 |
4 |
कालसर्प योग भंग राजयोग |
45 |
5 |
कालसर्प योग की कुंण्डलियों का विस्तार से अध्ययन |
55 |
6 |
कालसर्प योग अधिक तीव्र हो जाता है |
66 |
7 |
कालसर्प योग की शांति के ज्योतिषीय उपाय |
71 |
8 |
लाल किताब के कालसर्प के टोटके |
76 |
9 |
कालसर्प योग की शांति का शास्त्रोक्त विधि-विधान |
86 |