निवेदन
भारतवर्ष सतियों और पतिव्रताओं पुण्यभूमि है। यहाँ महान् पतिव्रताएँ हो गयी हैं; उन्हींमेंसे सती सुकला एक हैं। पतिकी अनुपस्थितिमें इनकी बड़ी कड़ी-कड़ी परीक्षाएँ हुईं, परंतु ये अपने पातिव्रत्यके बलसे सभीमें सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हो गयीं।
इस इतिहाससे एक शिक्षा यह मिलती है कि पुरुष यदि पतिव्रता पत्नीका परित्याग करके किसी धर्म-कार्यमें प्रवृत्त होता है तो उसे सफलता नहीं मिलती। देवता नाराज होते हैं, पितरोंकी दुर्गति होती है । अतएव पलीको साथ लेकर ही तीर्थयात्रादि धर्म-कार्य करने चाहिये।
इस छोटी-सी पुस्तिकासे हमारे भाई-बहिन लाभ उठावें, यही निवेदन है।
विषय-सूची |
||
1 |
कृकलकी तीर्थयात्रा और सुकलासे सखियोंकी बातचीत |
5 |
2 |
शूकरोंसे महाराज इक्ष्वाकुका युद्ध |
10 |
3 |
शूकरके पूर्वजन्मकी कथा |
16 |
4 |
शूकरीके पूर्वजन्मकी कथा |
19 |
5 |
कंसमाता पद्मावतीकी कथा |
22 |
6 |
पातिव्रत्यके त्यागका कुपरिणाम |
29 |
7 |
इन्द्रके द्वारा सुकलाके पातिव्रत्यकी परीक्षाका आयोजन |
32 |
8 |
इन्द्र और कामदेवपर सुकलाकी विजय |
38 |
9 |
कृकलका घर लौटना और सुकलाके पातिव्रत्यकी महिमा |
46 |
निवेदन
भारतवर्ष सतियों और पतिव्रताओं पुण्यभूमि है। यहाँ महान् पतिव्रताएँ हो गयी हैं; उन्हींमेंसे सती सुकला एक हैं। पतिकी अनुपस्थितिमें इनकी बड़ी कड़ी-कड़ी परीक्षाएँ हुईं, परंतु ये अपने पातिव्रत्यके बलसे सभीमें सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हो गयीं।
इस इतिहाससे एक शिक्षा यह मिलती है कि पुरुष यदि पतिव्रता पत्नीका परित्याग करके किसी धर्म-कार्यमें प्रवृत्त होता है तो उसे सफलता नहीं मिलती। देवता नाराज होते हैं, पितरोंकी दुर्गति होती है । अतएव पलीको साथ लेकर ही तीर्थयात्रादि धर्म-कार्य करने चाहिये।
इस छोटी-सी पुस्तिकासे हमारे भाई-बहिन लाभ उठावें, यही निवेदन है।
विषय-सूची |
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1 |
कृकलकी तीर्थयात्रा और सुकलासे सखियोंकी बातचीत |
5 |
2 |
शूकरोंसे महाराज इक्ष्वाकुका युद्ध |
10 |
3 |
शूकरके पूर्वजन्मकी कथा |
16 |
4 |
शूकरीके पूर्वजन्मकी कथा |
19 |
5 |
कंसमाता पद्मावतीकी कथा |
22 |
6 |
पातिव्रत्यके त्यागका कुपरिणाम |
29 |
7 |
इन्द्रके द्वारा सुकलाके पातिव्रत्यकी परीक्षाका आयोजन |
32 |
8 |
इन्द्र और कामदेवपर सुकलाकी विजय |
38 |
9 |
कृकलका घर लौटना और सुकलाके पातिव्रत्यकी महिमा |
46 |