बाबू केदार सिंह के कंधे पर बैठकर मेरा 'वर्णन' उत्तर प्रदेश, बिहार तथा मध्य प्रदेश में स्थित अवधूत भगवान राम के अनेक आश्रम-स्थलों का परिभ्रमण कर आया, किन्तु मैं अभी अपने कमरे में औघड़-वियोग की माला गिन रहा हूँ। श्री सिंह जी की दौड़ जहाँ सुस्ता रही थी, वहीं मेरे छहाने का संयोग बना। सम्पर्क बढ़ने पर उन्होंने मेरी कलम में 'औघड़ की गठरी' किताब रख दी।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12476)
Tantra ( तन्त्र ) (983)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1884)
Chaukhamba | चौखंबा (3348)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1439)
Yoga ( योग ) (1089)
Ramayana ( रामायण ) (1395)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (22983)
History ( इतिहास ) (8199)
Philosophy ( दर्शन ) (3310)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2537)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist