पुस्तक के विषय में
स्वामी शिवानन्द जी जैसे महर्षि के जीवन में गीता एवं उपनिषदों की जैसी स्पष्ट व्याख्या जीवन्तरूपण मिलती है वैसी अन्यत्र कही भी मिल नहीं सकती | यही कारन है की अध्यात्म मार्ग पर चले वाले धीर साधक सर्वप्रथम सन्तों एवं महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा ग्रहण कर संपूर्ण जीवन के रहस्य को समझने का प्रयास करते है |
स्वामी जी का व्यक्तित्व संपूर्ण योग का मूर्त स्वरूप है | उनके जीवन में कर्मयोग, भक्तियोग, राजयोग एवं ज्ञानयोग वीणा के विभिन्न स्वरों की तरह लयभूत हो कर ऐसे आत्मसंगीत का निर्माण करते है जिसकी मोहक तान ने हज़ारो साधको के हृदय में दिव्य जीवन का जागरण किया तथा विशुद्ध आनन्द के आसिम सागर को आलोड़ित किया |
यह पुस्तक हिन्दी भाषा भाषी पाठको की सेवा हेतु पूज्य श्री स्वामी शिवानन्द जी महाराज की मूल अंग्रेजी पुस्तक AUTOBIOGRAPHY OF SWAMI SIVANANDA का सरल हिन्दी भाषा का अनुवाद है |
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