पुस्तक परिचय
मुहावरे और लोकोक्तियाँ जन जीवन की अभिव्यक्ति के सहज उपकरण हैं । मुहावरा पद या पदबध होता है, वाक्य का अंग बनता है तथा उसका अर्थ शब्दो की लक्षणाशक्ति से निकलता है । इसके विपरीत लोकोक्ति अपने मे एक पूर्ण विचार, फलत. वाक्य रूप होती है तथा उसका अर्थ शब्दों की व्यजना शक्ति से निकलता है । मुहावरे भाषा का श्रृंगार होते हैं और उसमे चमत्कार और चुटीलापन लाते हैं । लोकोक्तिया सत्यकथन या परमार्श के रूप में होती हैं और होती है समाज के सामूहिक चिंतन का निचोड़।
लेखक परिचय
जन्म 1932 मे पंजाब के जिला गुजरानवाला में ।
शिक्षा शिक्षा दीक्षा बनारस मे ।
गतिविधियाँ 1950 से आचार्य रामचन्द्र वर्मा के साथ विभिन्न स्तरो पर कोश कार्य । 1956 से 1965 तक मानक हिंदी कोश में सहायक सम्पादक के रूप मे कार्य और 1983 से 1986 तक जापान सरकार के आमन्त्रण पर टोक्यो विश्वविद्यालय मे अतिथि आचार्य ।
साहित्य सेवा वैज्ञानिक परिभाषा कोश, आजकल की हिंदी, हिंदी अक्षरी, अग्रेजी हिंदी पर्यायवाची कोश, शब्द परिवार कोश, लोकभारती मुहावरा कोश, इन पर्यायवाची कोश, परिष्कृत हिंदी व्याकरण, हिंदी व्याकरण की सरल पद्धति, लिपि, वर्तनी और भाषा, मीनाक्षी हिंदी अग्रेजी कोश तथा अग्रेजी हिंदी कोश । हिंदी के भाषा प्रयोगो पर नवीन कृति आधुनिक हिंदी प्रयोग कोश, सद्य. प्रकाशित ।
भूमिका
लोकभारती प्रकाशन के कर्णधार एक ऐसे कोश के लिए वर्षों से उत्सुक थे जिसमें प्रतिनिधि मुहावरों के साथ साथ प्रतिनिधि लोकोक्तियों का भी संग्रह हो । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अनेक हिंदी लेखक भाषा को मुहावरों से अलंकृत करने लगे हैं । अब यह आरोप धुल सा गया है कि हिंदी के लेखक मुहावरों का प्रयोग नहीं करते या नहीं के समान करते हैं ।
वस्तुत इस कोश में प्रयोग के रूप में दिए उद्धरणों से यह बात सिद्ध हो जाती है । हाँ यह बात लोकोक्तियों पर अवश्य किसी सीमा तक लागू होती है । परंतु लोकोक्तियों का प्रयोग बोल चाल में प्राय देखने में आता है और अनेक अवसरों पर उनका अर्थ सौंदर्य तथा शब्द संयोजन कुछ विशेष रूप से हृदयग्राही, रोमांचक या प्रेरक भी होता है । भाषा की समृद्धि में लोकोक्तियों का योगदान भी मुहावरों की तरह अति सुखद भी है तथा अति महत्त्वपूर्ण भी ।
अनेक विद्यार्थी तथा लेखक अवसरोचित मुहावरों तथा लोकोक्तियों की तलाश में रहते हैं । विदेशी विद्यार्थी तो ऐसे कोशों का पाठय पुस्तकों की तरह अध्ययन करते हैं । लेखन कार्य करते समय तो वे इन कोशों सें विशेष सहायता भी लेते हैं । अपनी भाषा को उत्कृष्ट रूप देने का यह उत्तम उपाय है ।
मुझे आशा है कि मेरा यह प्रयास भी हिंदी प्रेमी पाठकों को उपयोगी प्रतीत होगा ।
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