धन, स्वास्थ्य एवं सम्पन्नता के लिए आज से चार- पांच हज़ार वर्ष पूर्व चीन के प्राचीन विद्धानों ने प्रकृति के उन गूढ़ रहस्यो को खोज निकल, जो मानव जीवन में सृजनात्मक शक्ति एवं सकारात्मक गुणों को उत्प्रेरित करते है| पृथ्वी भी अन्य प्राणियों की तरह श्वास- प्रश्वास लेती हुई, प्राणवायु का उत्सर्जन करती है| प्रकृति की इस सकारात्मक शक्ति का नाम है| "ची" इसकी भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है| इस "ची" को भवन की आन्तरिक संरचना एवं बाह्य वातावरण में हल्का- सा परिवर्तन करके अपने अनुकूल बनाया जा सकता है|
अंतर्राष्ट्रीय वास्तु एसोसिएशन (रजि.) के संस्थापक अध्यक्ष एवं विश्व- विख्यात वास्तुशास्त्री डॉ. भोजराज द्धिवेदी ने भारत एवं विदेशो में वैदिक वास्तुशास्त्र को जन-जन तक पहुंचाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है| फेंग सुई को लेकर हिंदी भाषा में कोई प्रमाणित पुस्तक कही भी उपलब्ध नहीं है| हजारो- लाखो पाठको के निरन्तर आग्रह पर प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से विद्धान् लेखक ने इस कमी को दूर करने का प्रशंसनीय प्रयास किया है| 125 पुस्तकों के यशस्वी लेखक डॉ. भोजराज द्धिवेदी भारतीय एवं पाश्चात्य वास्तु कला के सिद्ध हस्त सलाहकार के रूप में विश्व के अग्रगण्य व्यक्तियों में से एक है| प्रस्तुत पुस्तक जंहा अनेक व्यवहारिक अनुभवों से अलंकृत है, वाही कुछ ऐसे बहुमूलय वास्तु सूत्र भी इसमें समाविष्ट है| जिन पर चलकर आम व्यक्ति भी अपने भाग्य को बदल सकता है| एवं अपना तथा अपने मित्रों का जीवन, धन-स्वास्थ्य- सफलता एवं उत्तम ऐश्वर्य से परिपूर्ण कर सकता है|
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