Vol: 2 Various Dimensions of Development
Vol- 2:8185305560
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना इस देश में विश्वविद्यालयी शिक्षा के इतिहास में एक मील का पत्थर था। भारत में स्थापित होने वाला यह पहला आवासीय विश्वविद्यालय था। उन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में इसे एक नवीन प्रयोग माना गया। विश्वविद्यालय न केवल आवासीय था बल्कि इसकी स्थापना अखिल भारतीय विश्वविद्यालय के रूप में की गई।
हमारी मातृभूमि के महानतम सपूतों में से एक पंडित मदन मोहन मालवीय इस कार्य के दैवीय प्रेरणा-स्रोत थे। वर्तमान शताब्दी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे तीन दशकों से भी अधिक समय तक ज्योति-पुञ्ज के रूप देदीप्यमान रहे। उन्होंने अपनी वाणी से भारत को जागृत किया। उनका जीवन समर्पित था। उन्होंने हमारे नेताओं के साथ मिलकर स्वतंत्रतारूपी प्रासाद की एक-एक ईंट का निर्माण किया। देश की एक भी ऐसी प्रमुख और उपयोगी गतिविधि नहीं थी-चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र की हो, धार्मिक क्षेत्र की हो, सामाजिक क्षेत्र की हो अथवा शैक्षणिक क्षेत्र की हो, जिससे वे जुड़े हुए न थे। उनके द्वारा की गई देश सेवा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय उनके जीवन और व्यक्तित्व की भाँति एक स्थायी स्मारक है और सदैव रहेगा। मालवीयजी के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य देश के हर क्षेत्र में देशभक्ति से सराबोर उच्च चरित्रवान पुरुष और महिला तैयार करना था। इस प्रयोजन के लिए धर्म और नीतिशास्त्र को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाया गया क्योंकि उनका विश्वास था कि धर्म ही चरित्र की दृढ़ नींव है और देशभक्ति ही वह प्रबल उन्नायक शक्ति है जो पुरुष और महिला को ऊँची सोच एवं त्यागमय कर्मों में प्रवृत्त करती है।
उन्होंने न केवल ऐसे श्रेष्ठ संस्थान का स्वप्न देखा बल्कि, इसे साकार भी किया और इस देश के धनी-निर्धन, राजा-प्रजा सभी से धन जुटाकर इस महान विश्वविद्यालय की स्थापना की।
यह विश्वविद्यालय भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी काशी-वाराणसी में इस महान देश की राष्ट्रीय अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए एक अखिल भारतीय विश्वविद्यालय के रूप में विद्यमान है।
अपनी मातृभूमि के हितार्थ ऐसी ही सेवाएं प्रदान करने हेतु प्रेरणा प्राप्त करने के लिए विद्या के इस महान केन्द्र के बारे में थोड़ा-बहुत जानना इस विश्वविद्यालय के प्रत्येक विद्यार्थी एवं शिक्षक का और साथ ही, प्रत्येक देशभक्त भारतीय का कर्तव्य है।
अतएव, मैं इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु लेखकद्वय द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता हूँ!
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (हिंदू धर्म) (12551)
Tantra ( तन्त्र ) (1004)
Vedas ( वेद ) (708)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1902)
Chaukhamba | चौखंबा (3354)
Jyotish (ज्योतिष) (1455)
Yoga (योग) (1101)
Ramayana (रामायण) (1390)
Gita Press (गीता प्रेस) (731)
Sahitya (साहित्य) (23143)
History (इतिहास) (8257)
Philosophy (दर्शन) (3393)
Santvani (सन्त वाणी) (2593)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist