पुस्तक के बारे में
कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर काका साहब खाडिलकर के नाम से विशेष प्रसिद्ध थे । एक महान् देशभक्त के रूप में आज भी उनका पर्याप्त सम्मान है । मराठी नाटय-सृष्टि में उन्होंने बहुमूल्य कार्य किया । मराठी नाट्य प्रेमियों ने अत्यंत लेह भाव से उन्हें ‘नाट्याचार्य’ की पदवी से विभूषित किया ।
कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर एक प्रसिद्ध पत्रकार भी थे । महाराष्ट्र में आधुनिक पत्रकारिता की नींव उन्हीं ने डाली थी । खाडिलकर श्रेष्ठ चिंतक तथा वैदिक साहित्य के अभ्यासक थे । कृष्णाजी प्रभाकर खाडिलकर सादगी, सदाचार और ईमानदारी, देशभक्ति, स्वाभिमान व नेकी, इन गुणों की प्रत्यश मूर्ति ही थे ।
इस पुस्तिका के लेखक नारायण कृष्ण शनवारे ने मराठी नाट्य-सृष्टि पर विशेष शोधकार्य किया है । महाराष्ट्र की राज- नीतिक हलचल का मराठी नाट्यसृष्टि पर प्रभाव (सन् ‘1843 से 1947’) उन्होंने शोध प्रबंध लिखा है ।
इस पुस्तिका में आपने मराठी नाट्य-सृष्टि में खाडिलकर के बहुमूल्य योगदान की समीक्षा तथा उनके व्यक्तित्व का चित्रण पाठकों के सामने रखा है ।
अनुक्रम
1
प्रारंभ
7
2
देशभक्त (तिलक युग)
13
3
देशभक्त (गाँधी युग)
28
4
नाट्याचार्य
37
5
पत्रकार
54
6
वक्ता
72
दार्शनिक
78
8
व्यक्ति तथा गृह-जीवन
83
9
उपसंहार
95
10
सूची
97
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