लाल बहादुर शास्त्री के शब्दों में
''हम रहें या न रहे लेकिन यह झंडा रहना चाहिए और देश रहना चाहिए । और मुझे विश्वास है कि यह झंडा रहेगा, हम और आप रहे न रहे, लेकिन भारत का सिर ऊँचा होगा; भारत दुनिया के देशों में एक बड़ा देश होगा और शायद यह दुनिया को बहुत कुछ दे भी सके । अब हमें शांति के लिए भी उसी हिम्मत और हौसले से काम करना है जिससे हमने हमले का सामना किया था।''
आभार
आप सुधि पाठकों के समक्ष लाल बहादुर शास्त्री सरीखे बेहद सरल, सच्चे राष्ट्रभक्त और लोकतंत्र के मसीहा का संक्षिप्त जीवनचरित प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार खुशी का अनुभव हो रहा है । इस पुस्तक को लिखने का अवसर देने के लिए मै 'नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया' का हृदय से आभारी हूँ मेरी इस पाडुलिपि को पुस्तक रूप मे लाने के क्रम में ट्रस्ट के हिंदी संपादक श्री दीपक कुमार गुप्ता का भी आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने पांडुलिपि को काफी तन्मयता से पढ़ा और उसमें अनेक वांछित सुधार किए उन्हीं के सद्प्रयास से लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट, नई दिल्ली के सौजन्य से शास्त्री जी के अनेक दुर्लभ फोटो उपलब्ध हो सके, जिनका इस पुस्तक में उपयोग किया गया है पांडुलिपि में सुधार-संशोधन एवं फोटो उपलब्ध कराके शास्त्री जी के सुपुत्र श्री अनिल शास्त्री ने जो सहयोग किया है इसके लिए हम उनके अनुगृहीत है शास्त्री जी के छोटे सुपुत्र श्री सुनील शास्त्री के सहयोग का भी मैं आभारी हूँ।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (875)
Agriculture (85)
Ancient (995)
Archaeology (567)
Architecture (526)
Art & Culture (848)
Biography (585)
Buddhist (540)
Cookery (160)
Emperor & Queen (489)
Islam (233)
Jainism (272)
Literary (868)
Mahatma Gandhi (377)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist