नम्र निवेदन
सत्संग प्रेमी सज्जनोंकी सेवामें यह सत्संग मुक्ताहार पुस्तक प्रस्तुत की जा रही है । इस पुस्तकमें श्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराजके नौ लेखोंका संग्रह है । पाठकोंसे प्रार्थना है कि वे इस
मुक्ताहार (मोतियोंकी माला) को हृदयमें धारण करें, हृदयमें करें और वास्तविक तत्त्वका अनुभव करके अपने मानव जीवनको सफल बनायें ।
विषय
1
वास्तविक तत्त्वका अनुभव
2
स्वतःप्राप्त परमात्मतत्त्व
9
3
साधकोपयोगी अमूल्य बातें
15
4
कामना और आवश्यकता
24
5
देनेके भावसे कल्याण
36
6
भक्तिकी अलौकिक विलक्षणता
43
7
भगवल्लीलाका तत्त्व
57
8
आकस्मिक और अकाल मृत्यु
61
शास्त्रीय विवादसे हानि
69
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