सामाजिक मानव विज्ञान की रूपरेखा- पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक विज्ञान की विभिन्न संस्थाओं को सरल, सुलभ व उपयोगी विषयवस्तु प्रदान करना है। प्रस्तुत संस्करण में मानवविज्ञान का अर्थ, परिभाषा, इसकी विभिन्न शाखाएं, अन्य विज्ञानों के साथ सम्बन्ध, संस्कृति व सभ्यता, समाज एवं समुदाय, समिति, समूह और संस्था, प्रस्थिति व भूमिका, जाति एवम् वर्ग, भाषा विज्ञान, विवाह, परिवार, नातेदारी, धर्म, जादू एवम् विज्ञान, जनजातीय अर्थव्यवस्था एवम् राजनैतिक प्रणाली इत्यादि अध्यायों को समावेशित किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में सरल सुबोध एवं सरस भाषा का प्रयोग किया गया है। पुस्तक में पारिभाषिक हिन्दी शब्दों के साथ-साथ अंग्रेजी शब्द भी दिये गये हैं। पुस्तक को अधिक सारगर्भित बनाने के लिये चित्रों का भी सहारा लिया गया है।
डॉ. विभा अग्निहोत्री सम्प्रति नारी शिक्षा निकेतन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कैसरबाग, लखनऊ में मानव विज्ञान विभाग में ऐसोसियेट प्रोफेसर एवम् विभागाध्यक्ष हैं।! आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से 1986 में मानव विज्ञान से एम०ए० (गोल्ड मेडिलिस्ट) करने के उपरान्त अध्यापन तथा शोधकार्य किया। यू०जी०सी० की रिसर्च फैलो के रूप में उत्तर प्रदेश के 5 अन्तर्जातीय ब्राह्मणों के गहन मानव वैज्ञानिक क्षेत्रकार्य किया। उपरोक्त ऊपर के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं, यू०जी०सी० की लघु शोध परियोजना एवं आई०सी०एस०एस०आर० 1०आर० के अन्तर्गत लखनऊ की दलित महिलाओं एवम् बालिकाओं पर शोध कार्य किया जिस पर आधारित एक दर्जन से भी अधिक शोध पत्र एवं लेख राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपने 21 से भी अधिक देशों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये हैं, जिसके लिये उनको यू.जी.सी. एवम् आई.सी.एस.एस.आर. से फेलोशिप भी प्राप्त हुई है।
डॉ. विभा अग्निहोत्री "वाइस ऑफ इन्टलेक्चुअल मैन" नामक अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका की सम्पादक होने के साथ-साथ "इंडियन जर्नल ऑफ फिजिकल एन्थ्रोपोलोजी" (आई.जी.पी.ए.) एवं "मानव" नामक शोध पुस्तिका की सहायक सम्पादक हैं। आपके द्वारा मानव शास्त्र में कई पुस्तकों का लेखन कार्य किया गया, जिनमें से "मानव और उसकी भौतिक संस्कृति", "मानवशास्त्रीय एवं समाजशास्त्रीय अनुसंधान", "मानव शास्त्र का परिचय", "प्रयोगात्मक भौतिक मानव विज्ञान", "प्रयोगात्मक शारीरिक मानव विज्ञान". "उद्दिकासीय मानव विज्ञान", "भारतीय संस्कृति का धार्मिक स्वरूप एवं वैज्ञानिकता", "अध्यात्म ज्योतिष एवम् कर्मकाण्ड उपचारीय ज्योतिष" प्रमुख हैं। आप अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संगठनों से सक्रि रूप से सम्बद्ध है।
पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक विज्ञान की विभिन्न संस्थाओं को सरल, सुलभ व उपयोगी विषयवस्तु प्रदान करना है। प्रस्तुत संस्करण में मानवविज्ञान का अर्थ, परिभाषा, इसकी विभिन्न शाखाओं, अन्य विज्ञानों के साथ सम्बन्ध, संस्कृति व सभ्यता, समाज एवं समुदाय, समिति, समूह और संस्था, प्रस्थिति व भूमिका, जाति एवम् वर्ग, भाषा विज्ञान, विवाह, परिवार, नातेदारी, धर्म, जादू एवम् विज्ञान, जनजातीय अर्थव्यवस्था एवम् राजनैतिक प्रणाली इत्यादि अध्यायों को समावेशित किया गया है।
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