इस संग्रह की प्रत्येक रचना राघवेन्द्र नारायण सिंह की जीवन दृष्टि को बयां करती है। उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता और सत्य तथा न्याय के प्रति कटिबद्धता सभी रचनाओं को ऊर्जान्वित करती रहती है, इसलिए ही इस संग्रह की प्रत्येक रचना अलग-अलग होते हुए भी भावनात्मक और वैचारिक स्तर पर एकरूपता लिए हुए हमें आश्वस्त करती है। सरल और कोमल शब्दावलियों में लिखी गई प्रत्येक कविता निःसन्देह पठनीय और संग्रहणीय है।
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