पुस्तक के विषय में
प्रस्तुत पुस्तक में देशभक्ति के पांच नाटक विशेष रूप से किशोर पीढ़ी की मानसिकता और मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं । इनसे उनके मन में देशभक्ति, सत्यनिष्ठा, सच्चरित्रता, भावात्मक एकता, सर्वधर्म समभाव जैसे उदात्त भाव सुदृढ होंगे, ऐसा हमारा विश्वास है । ये सभी नाटक पहले आकाशवाणी से प्रसारित होकर काफी लोकप्रिय हो चुके हैं और अनेक भाषाओं में इनका अनुवाद हो चुका है । यह पुस्तक हमारे पाठकों को अवश्य पसंद आएगी ।
समर्पण
भारत सरकार के प्रकाशन विभाग के माध्यम से मैं अपने ये पांच विशिष्ट राष्ट्रीय नाटक बड़े हर्ष के साथ देश की किशोर पीढ़ी को समर्पित करता हूं । मेरी यह दृढ़ मान्यता है कि आज की किशोर पीढ़ी ज्ञान एवं शिक्षा की ऊर्जा ग्रहण करती हुई पूरी तरह जागरूक है और देश तथा समाज के प्रति अपने भावी कर्त्तव्य को भली- भांति समझती है ।
इन पांचों नाटकों का चयन करते समय मैंने दस से सत्रह वर्ष के किशोर-किशोरियों की वैचारिकता, मानसिकता और मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखा है । यही नहीं, इन नाटकों के मुख्य पात्र भी आज की किशोर एवं युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं । उन्हीं के माध्यम से मैंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा स्वतंत्र भारत के निर्माता पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रतिपादित राष्ट्रीयता के देशभक्ति, सत्यनिष्ठा, सच्चरित्रता, भावात्मक एकता, सांप्रदायिक एकता, सर्व धर्म-समभाव, नवनिर्माण आदि विभिन्न आदर्शों एवं सिद्धांतों को हृदयंगम कराने का प्रयास किया है । साथ ही, मैंने इन नाटकों में जातीयता, प्रांतीयता, धार्मिक कट्टरता, भाषावाद, आतंकवाद, धन-लोलुपता और भ्रष्टाचार जैसी उन समस्याओं की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है, जो हमारे धर्मनिरपेक्ष एवं समाजवादी लोकतंत्र को कमजोर करती हैं और देश की स्वतंत्रता एवं अखंडता के लिए कई प्रकार के खतरे पैदा कर सकती हैं । मैं मानता हूं कि यदि हमारी किशोर एवं युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय आदर्शों के साथ राष्ट्रीय समस्याओं तथा विघ्न- बाधाओं की भी जानकारी होगी, तो वह देश की स्वतंत्रता एवं अखंडताकी रक्षा तथा जन-कल्याणकारी समाज के निर्माण के लिए अभी-से दृढ़ प्रतिज्ञ हो जाएगी ।
इन पांचों राष्ट्रीय नाटकों के संबंध में एक विशेष बात यह है कि इन्हें मैंने सर्वप्रथम रेडियों-नाटक के रूप में लिखा था । आकाशवाणी से समय-समय पर प्रसारित होकर ये अत्यंत लोकप्रिय हुए थे । तब देश की अनेक भाषाओं में इनका अनुवाद भी हुआ था । मुझे पूर्ण विश्वास है कि किशोर पीढ़ी के नाट्य-प्रेमी मेरे नाटकों के इन मंचीय रूपांतरों को पसंद करेंगे और इन्हें पढ़कर अथवा मंच पर खेलकर देशभक्ति एवं राष्ट्रीय सच्चरित्रता की प्रेरणा ग्रहण करेंगे ।
अनुक्रम
1
मंदिर की जोत
2
राम-रहीम
21
3
एक और प्रह्लाद
45
4
हमला
55
5
चक्रव्यूह
67
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (हिंदू धर्म) (12551)
Tantra ( तन्त्र ) (1004)
Vedas ( वेद ) (708)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1902)
Chaukhamba | चौखंबा (3354)
Jyotish (ज्योतिष) (1455)
Yoga (योग) (1101)
Ramayana (रामायण) (1390)
Gita Press (गीता प्रेस) (731)
Sahitya (साहित्य) (23143)
History (इतिहास) (8257)
Philosophy (दर्शन) (3393)
Santvani (सन्त वाणी) (2593)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist