Look Inside

पौराणिक ग्रंथों में नारी शक्ति की कहानियाँ: Pauranik Granthon Mein Nari Shakti Ki Kahaniyan

$24
FREE Delivery
Quantity
Delivery Usually ships in 3 days
Item Code: HBA308
Author: Sudha Murthy
Publisher: Prabhat Prakashan, Delhi
Language: Hindi
Edition: 2024
ISBN: 9789390366057
Pages: 192 (B/W Illustrations)
Cover: HARDCOVER
Other Details 9.00x6.00 inch
Weight 340 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business
Book Description
पुस्तक परिचय

त्रिदेव में तीन देवता होते हैं- ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव और तीनों की अपनी- अपनी पत्नियाँ हैं।

सरस्वती सृष्टि की रचना करनेवाले ब्रह्मा की पत्नी हैं। वे ज्ञान और ललित कला की देवी हैं, जिन्हें सामान्य रूप से सफेद वस्त्र में, वीणा बजाते, माला जपते और हाथ में पुस्तक लिये मुसकराते हुए दिखाया जाता है। अधिकांशतया उनका चित्रण उनके वाहन हंस के साथ किया जाता है। वे शांति की देवी हैं, जिनकी पूजा कई देशों में की जाती है। सरस्वती को वाग्देवी, वाणी की देवी के रूप में भी माना जाता है और श्रद्धालु तथा लेखक उनका आशीर्वाद माँगते हैं; क्योंकि वे ज्ञान एवं शिक्षा का प्रतिनिधित्व करती हैं। सरस्वती कम बोलनेवाली स्त्री हैं और टकराव तथा विवादों से दूर रहती हैं।

लक्ष्मी संसार के रक्षक विष्णु की पत्नी हैं, जो क्रोधी स्वभाव की हैं। सब जानते हैं कि वे उनके हृदय में वास करती हैं और उनके अनेक रूप हैं। उन्हें दो अन्य रूपों में भी देखा जाता है- भूदेवी, जो लक्ष्मी का सांसारिक रूप है और श्रीदेवी, जो धन व समृद्धि से जुड़ा रूप है। सामान्यतया लक्ष्मी को लाल या गुलाबी कमल पर, लाल साड़ी में विराजमान दिखाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वे काफी अनुशासित और नियम-कानूनवाली हैं। जब भगवान् विष्णु ने धरती पर धर्म की रक्षा के लिए दस अवतार लेने का निर्णय लिया तो लक्ष्मी ने उनसे कहा था, "प्रिय पतिदेव, आप संसार में धर्म की रक्षा के एकमात्र उद्देश्य से स्वेच्छा से अवतार ले रहे हैं; किंतु आप जानते हैं कि यहाँ हमारे इस बैकुंठ के दो द्वारपालों- जय एवं विजय को तीन जन्मों तक धरती पर मानव रूप लेने और उन जन्मों में आपका शत्रु होने का शाप दिया गया है। ये दोनों ही घटनाएँ मात्र संयोग नहीं हैं।"

भूमिका

मैं ने जब पौराणिक कथाओं में वर्णित नारी चरित्रों के विषय पर पुस्तक लिखने का मन बनाया और फिर शोध की शुरुआत की तो जल्दी ही निराशा हुई और मोहभंग होता दिखा। मैंने देखा कि ऐसा साहित्य न के बराबर है, जिसमें स्त्रियों की ओर से निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका आकर्षण का मुख्य केंद्र हो। इसमें कोई संदेह नहीं कि इन स्त्रियों में सबसे लोकप्रिय 'महाभारत' की द्रौपदी एवं 'रामायण' की सीता और फिर पार्वती हैं, जो एक ऐसी देवी की सशक्त भूमिका निभाती हैं, जो राक्षसों का वध करने और अपने भक्तों की रक्षा करने में दक्ष थीं। सच तो यह है कि हमारे देश की कई नदियों को भी देवी माना जाता है। इसके बावजूद इन स्त्रियों के विषय में कही-सुनी जानेवाली कहानियों की संख्या उन कहानियों की तुलना में पता नहीं इतनी कम क्यों है, जिनमें पुरुषों की चर्चा है? जो साहित्य उपलब्ध है, उसमें भी बार-बार वही बातें दोहराई गई हैं और स्त्रियों को हमेशा ही किसी के अधीन या छोटी भूमिका में दिखाया गया है और आज भी उन्हें उतना महत्त्व नहीं दिया जाता है।

संभवतः इसका कारण यह है कि हमारा समाज परंपरागत रूप से पुरुष प्रधान रहा है, या इस कारण कि पौराणिक कथाएँ अधिकतर पुरुषों द्वारा लिखी गई हैं। वैसे, इसकी संभावना सबसे अधिक है कि इन दोनों कारणों की वजह से ही ऐसा हुआ होगा।

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at [email protected]
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through [email protected].
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy

Book Categories