पं० प्रतापनारायण मिश्र हिंदी के अनन्य निबंधकार हैं और हिंदी में निबंध साहित्य के अभ्युदय के एक विशिष्ट नायक हैं। उनके निबंधों के संग्रह का प्रकाशन ग्रंथावली के रूप में नागरीप्रचारिणी सभा ने सं० २०१४ में किया था। अनेक वर्षों से यह ग्रंथावली अनुपलब्ध थी, वितु इसकी उपयोगिता हिंदी जगत के लिये बिशेष महत्व की थी। सभा ने इसका इस नए रूप में पुनः प्रकाशन किया है और यह यत्न किया है कि अबकी बार मुद्रण की भूलें ठीक कर दी जांय । यह काम अत्यंत व्यय साध्य था, किंतु यह सहज हो सका क्योंकि भारत सरकार ने इसके प्रकाशन के लिये उदारता पूर्वक हमारी आर्थिक सहायता की, एतदर्थ हम उसके कृतज्ञ हैं।
हमें विश्वास है कि इस नए रूप में यह ग्रंथ हिंदी जगत के लिये उपयोगी होगा और हिंदी निबंध साहित्य के अध्येताओं के लिये निधि के रूप में होगा ।
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