निवेदन
उपदेशप्रद बारह कहानियोंका यह संग्रह ब्रह्मलीन परमश्रद्धेय श्रीजयदयालजी गोयन्दका (आप सबके सुपरिचित आध्यात्मिक विचारक एवं महापुरुष)-द्वारा लिखित है । श्रीगोयन्दकाजीके पुराने लेखोंसे संकलित की गयीं ये शिक्षाप्रद और उपदेशात्मक छोटी-बड़ी कथाएँ रोचक होनेके साथ-साथ लौकिक और पारलौकिक उन्नतिमें बड़ी ही सहायक हैं । सरल, सुबोध भाषामें लिखी हुई ये कहानियाँ- ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, सेवा, परोपकार, ईश्वर-विश्वास और भगवद्भक्तिका उपदेश (प्रेरणा) देनेवाली होनेसे सभी आयु- वर्गके पाठकोंके लिये जीवनोपयोगी एवं कल्याणकारी मार्ग-दर्शक सिद्ध हो सकती हैं ।
इन कहानियोंकी सार्वजनिक उपयोगिता और महत्त्वके विचारसे इन्हें जनहितमें प्रकाशित करते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है । सभी पाठकों-विशेषत: परमार्थ-पथके पथिकों और जिज्ञासुओंसे हमारा यह विनम्र अनुरोध है कि वे इसकी उत्तम पठनीय सामग्रीको एक बार अवश्य पढ़ें और दूसरोंको पढ़नेके लिये भी प्रेरित करें । यह आशा की जाती है कि इस सर्वहितकारी और परम उपादेय पुस्तकसे अधिकाधिक सज्जन विशेषरूपसे लाभान्वित होंगे ।
विषय-सूची
विषय
पृं.सं
1
स्त्रियोंके लिये कल्याणके कुछ घरेलू प्रयोग
5
2
नाम- कीर्तनसे शत्रुपर विजय
15
3
भगवदर्थ कर्म और भगवान्की दयाका रहस्य
34
4
दानका रहस्य
41
ज्ञान और भक्तिके साधनसे अहंता -ममताका अभाव
47
6
सर्व भूतहिते रता:
64
7
राजा चक्ववेणके त्यागका प्रभाव
78
8
जीवनकी सफलताके लिये अनुपम शिक्षा
87
9
भगवत्प्राप्तिके सरल उपाय तथा प्रेमका रहस्य और प्रभाव
106
10
भगवान्की असीम दयाका फल
131
11
जैसा करे संग वैसा चढ़े रंग
144
12
सत्यकी महिमा
156
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12482)
Tantra ( तन्त्र ) (986)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1882)
Chaukhamba | चौखंबा (3346)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1441)
Yoga ( योग ) (1091)
Ramayana ( रामायण ) (1392)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (23012)
History ( इतिहास ) (8214)
Philosophy ( दर्शन ) (3320)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2536)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist