प्रथम संस्करणका निवेदन
इधर कई जगह खास करके कलकत्तेके विद्यालयोंके शिक्षाक्रममें विभिन्न श्रेणियोंके लिये श्रीरामचरितमानसके पृथक्-पृथक् काण्ड रखे गये हैं। विद्यार्थियोंकी बड़ी माँग है, परन्तु बाजारमें अलगअलग काण्ड प्राय: नहीं मिलते। जो मिलते हैं, वे प्राय: अशुद्ध छपे हुए और बहुत ही महँगे। इस कठिनाईको दूर करनेके लिये गीताप्रेसने पृथक्-पृथक् काण्डोंमें पूरा रामचरितमानस प्रकाशित करनेकी व्यवस्था की है। यह बालकाण्ड है। इसमें मूलके साथ हिंदी-अनुवाद भी है। आशा है, इससे विद्यार्थियोंको सुविधा होगी और मानसका शुभ प्रसार तो बढ़ेगा ही, जो मानवजातिके कल्याणके लिये अत्युत्तम साधन है।
विषय-सूची बालकाण्ड
1
मङ्गलाचरण
7
2
गुरुवन्दना
9
3
ब्राह्मणसंत-वन्दना
10
4
खल -वन्दना
14
5
संत- असंत-वन्दना
15
6
रामरूपसे जीवमात्रकी वन्दना
17
तुलसीदासजीकी दीनता और रामभक्तिमयी कविताकी महिमा
20
8
कवि वन्दना वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदिकी वन्दना
29
श्रीसीताराम-धाम-परिकर
30
वन्दना
32
11
श्रीनामवन्दना और नाम महिमा
35
12
श्रीरामगुण और श्रीरामचरितकी महिमा
44
13
मानसनिर्माणकी तिथि
53
मानसका रूपक और माहात्म्य
55
याज्ञवल्क- भरद्वाज- संवाद तथा प्रयाग-माहात्म्य
66
16
सतीका भ्रम, श्रीरामजीका ऐश्वर्य और सतीका खेद
69
शिवजीद्वारा सतीका त्याग, शिवजीकी समाधि
77
18
सतीका दक्ष-यज्ञमें जाना
82
19
पतिके अपमानसे दुःखी होकर सतीका योगाग्रिसे जल जाना, दक्ष-यज्ञ-विध्वंस
84
पार्वतीका जन्म और तपस्या
85
21
श्रीरामजीका शिवजीसे विवाहके लिये अनुरोध
95
22
सप्तर्षियोंकी परीक्षामें पार्वतीजीका महत्त्व
97
23
कामदेवका देवकार्यके लिये जाना और भस्म होना
103
24
रतिको वरदान
107
25
देवताओंका शिवजीसे ब्याहके लिये प्रार्थना करना, सप्तर्षियोंका पार्वतीके पास जाना
108
26
शिवजीकी विचित्र बारात और विवाहकी तैयारी
111
27
शिवजीका विवाह शिव-पार्वती-संवाद
120
28
अवतारके हेतु
128
नारदका अभिमान और मायाका प्रभाव
143
विश्वमोहिनीका स्वयंवर,
149
31
शिवगणोंको तथा भगवान्को शाप और नारदका मोह-भंग
152
मनुशतरूपा-तप एवं वरदान
161
33
प्रतापभानुकी कथा
172
34
सवणादिका जन्म, तपस्या और उनका ऐश्वर्य तथा अत्याचार
194
पृथ्वी और देवतादिकी करुण पुकार
201
36
भगवान्का वरदान
205
37
राजा दशरथका पुत्रेष्टि यज्ञ, रानियोंका गर्भवती होना
207
38
श्रीभगवान्का प्राकट्य और बाललीलाका आनन्द
209
39
विश्वामित्रका राजा दशरथसे राम- लक्ष्मणको माँगना
225
40
विश्वामित्र-यज्ञकी रक्षा
228
41
अहल्या-उद्धार
229
42
श्रीराम -लक्ष्मणसहित विश्वामित्रका जनकपुरमें प्रवेश
233
43
श्रीरामलक्ष्मणको देखकर जनकजीकी प्रेममुग्धता
234
श्रीराम-लक्ष्मणका जनकपुर-निरीक्षण
237
45
पुष्पवाटिका-निरीक्षण,प्रथम दर्शन, श्रीसीतारामजीका परस्पर दर्शन
246
46
श्रीसीताजीका पार्वती - पूजन एवं वरदानप्राप्ति तथा राम-लक्ष्मण-संवाद
253
47
श्रीराम-लक्ष्मणसहित विश्वामित्रका यज्ञशालामें प्रवेश
259
48
श्रीसीताजीका यज्ञशालामें प्रवेश
267
49
बन्दीजनोंद्वारा जनकप्रतिज्ञाकी घोषणा
269
50
राजाओंसे धनुष न उठना, जनककी निराशाजनक वाणी
271
51
श्रीलक्ष्मणजीका क्रोध
273
52
धनुषभंग
280
जयमाल पहनाना
283
54
श्रीराम लक्ष्मण और परशुराम-संवाद
289
दशरथजीके पास जनकजीका दूत भेजना, अयोध्यासे बारातका प्रस्थान
304
56
बारातका जनकपुरमें आना और स्वागतादि
320
57
श्रीसीता-राम-विवाह
337
58
बारातका अयोध्या लौटना और अयोध्यामें आनन्द
366
59
श्रीरामचरित सुनने-गानेकी महिमा
382
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