हमारे जीवन में कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जब हम कर्त्तव्य विमूढ़ हो जाते हैं या ऐसी दुविधा में फंस जाते हैं कि कर्त्तव्य का निर्णय नहीं कर पाते । हमारे पुरखों ने, विद्वानों ने और अनेक महापुरुषों ने ऐसे सिद्धान्त निश्चित किये हैं जो ऐसे अवसर पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं। ऐसे मार्गदर्शक सिद्धान्तों एवं सुविचारों को ध्यान में रखकर यदि हम आगे बढ़ें तो हमें अनुकूल मार्ग मिल सकता है और हमारी निराशा आशा में बदल सकती है।
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (हिंदू धर्म) (12543)
Tantra ( तन्त्र ) (996)
Vedas ( वेद ) (708)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1901)
Chaukhamba | चौखंबा (3354)
Jyotish (ज्योतिष) (1450)
Yoga (योग) (1100)
Ramayana (रामायण) (1391)
Gita Press (गीता प्रेस) (731)
Sahitya (साहित्य) (23137)
History (इतिहास) (8251)
Philosophy (दर्शन) (3392)
Santvani (सन्त वाणी) (2555)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist