वर्तमान समय में पखावज एवं तबला भारतीय संगीत के अवंध्द वाद्यों में प्रमुख स्थान रखते हैं और इस में भी तबले की प्रतिष्ठा एवं लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है! आज तबला विषय विश्वविद्या स्तर पर मान्यता प्राप्त है तथा उक्त में उच्चस्तरीय उपाधियाँ भी प्रदान की जा रही है! अत: इन वाद्यों के शिक्षण विधि को सरल तथा सुस्पष्ट करना अनिवार्य है! जिससे इन विषयों में भी एक मौलिक नियम बनाएं जा सकें! प्राय: देखा गया है की गायन में अनेक विद्वानों ने किर्यात्मक पक्ष पर भी स्तरीय ग्रंथों की रचना की है किन्तु अवंध्दवाद्यों के कश्तर मेंसर्वथा इसका आभाव है! अत: आवश्यक है की अवंध्द वाद्यों के शिक्षण-पध्दति पर भी पुस्तकों की अचना की जाएं! इसीलिए मैंने पखावज एवं तबला के सैद्धांतिक एवं क्रियात्मक पक्षों को समाविष्ट कर इस विषय पर कुछ नया लिखने का अल्प प्रयास किया है! आश्न्वित हूँ की मेरा यह प्रयास संगीत के साधकों एवं शुभचिंतकों को एक नै दिशा प्रदान करेगा!
१० अक्टूबर सं १९७८ को प्रयाग में जन्मे डॉ. बिपुल पाण्डेय ने तबले की प्राम्भिक शिक्षा श्री श्रीकांत पाण्डेय जी से प्राप्त की! तदोपरांत प्रयाग के प्रतिष्ठित तबला वादक एवं गुरु पं. कृष्ण कुमार जी से तबले की विधिवत शिक्षा की! डॉ. पांडेय ने सं २००० में इलाहबाद विश्वविद्यालय से स्नातक तथा क्रमश २००३ एवं २०११ में एम. muse .तथा पी. एच; डी. की उपाधि संगीत एवं मंच कला संकाय, बनारस हिन्दू विश्विद्यालय से प्राप्त कि१ आपने २००५ में यू. जी. सी. नेट के परीक्षा भी उत्तीर्ण की है! बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान डॉ. पाण्डेय को विश्वविख्यात तबला वादक पं. छोटेलाल मिश्र जी से भी तबले की बारकियों को सीखने का मौका मिला! संप्रति डॉ. विपुल पाण्डेय उत्तर मध्य रेलवे इलाहबाद के कार्मिक विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर कार्य कर रहे है!
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu (हिंदू धर्म) (12551)
Tantra ( तन्त्र ) (1004)
Vedas ( वेद ) (708)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1902)
Chaukhamba | चौखंबा (3354)
Jyotish (ज्योतिष) (1455)
Yoga (योग) (1101)
Ramayana (रामायण) (1390)
Gita Press (गीता प्रेस) (731)
Sahitya (साहित्य) (23143)
History (इतिहास) (8257)
Philosophy (दर्शन) (3393)
Santvani (सन्त वाणी) (2593)
Vedanta ( वेदांत ) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist