Look Inside

जन प्रवाह: Jan Pravah (Novel)

$32
FREE Delivery
Quantity
Delivery Usually ships in 3 days
Item Code: HBC226
Author: Gurudutt
Publisher: HINDI SAHITYA SADAN
Language: Hindi
Edition: 2024
ISBN: 9789392129100
Pages: 375
Cover: PAPERBACK
Other Details 8x6 inch
Weight 400 gm
Book Description
भूमिका

यूरोपियन सभ्यता और भारतीय सभ्यता में दिन-रात का अन्तर है। यूरोप की वर्तमान सभ्यता के आधार में अठारहवीं शताब्दी के नास्तिक मीमांसकों की शिक्षा है। अतः अठारहवीं शताब्दी में यदि आस्तिकवाद का बोलबाला होता तो यूरोप का औद्योगीकरण का रूप वह न होता, जो आज हुआ है।

जापान में भी औद्योगीकरण हुआ था, परन्तु इस औद्योगीकरण का आधार जापान का आस्तिकवाद था। अतएव यूरोप और जापान के औद्योगीकरण में अन्तर आ गया।

भारत धर्म-प्रधान देश था, अर्थात् यहाँ के विद्वान् आस्तिक थे, परन्तु औद्योगीकरण होने से पूर्व इस देश में नास्तिकों को प्रमुखता मिल गयी। अंग्रेजी राज्य ने यहाँ के धर्म तथा मीमांसा को हेय बताकर, अपनी मीमांसा का प्रचलन कर दिया। अंग्रेजों के धर्मविहीन राज्य का परिणाम यह हुआ कि भारत में धर्महीन व्यक्तियों की महिमा बढ़ गई।

अतः जब स्वराज्य मिला तो वे व्यक्ति सत्तावान बन गए, जो न तो परमात्मा में विश्वास रखते थे और न ही आत्मा में। यही कारण है कि उनको देश के औद्योगीकरण का वही रूप पसन्द आया, जो यूरोप में प्रचलित है। जापान एक एशियाई देश होते हुए और भारत के समीप तथा समान होते हुए भी, भारत के नास्तिक नेताओं पर प्रभाव नहीं डाल सका।

परिणामस्वरूप भारत में बड़े-बड़े कारखाने अर्थात् मानव को मशीनों का दास बनाने की योजनाएँ बनने लगीं। केवल इतना ही नहीं, नास्तिकवाद में मानव को प्रकृति का एक अंशमात्र मान, उसके साथ मिट्टी के एक ढेले के समान व्यवहार किया जाने लगा। इसकी स्वतन्त्रता, इसकी उन्नति करने की भावना, इसके आत्माभिमान और आत्मसम्मान को निरर्थक मान, इसको मशीनों और शारीरिक आवश्यकताओं का दास बनाने का यत्न किया जाने लगा। इसी को समाजवाद का नाम दिया गया है।

नास्तिकवाद का परिणाम बड़े-बड़े कल-कारखानों का बनना है और उनका परिणाम मार्क्सवाद है। यह भारतीयता के सर्वथा विपरीत है। भारतीयता का आधार आस्तिकवाद है। आस्तिकवाद का अर्थ इस पुस्तक में दिया है।

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at [email protected]
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through [email protected].
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy

Book Categories