पुस्तक के विषय में
मालगुड़ी के दस वर्षीय स्वामीनाथन के लिए जीवन का मतलब है'अध्यापक, स्कूल का काम, दोस्त, क्रिकेट, दादी, तथा और बहुत कुछ । रोमांचपूर्ण अनुभवों और कारनामों के बिना स्वामी का संसार अधूरा है । उसे दो स्कूलों से निकाला जाता है, और फिर एक दिन वह खुद भी घर से भाग खड़ा होता है ।
प्रख्यात कथाकार आर.के. नारायण की कलम से अड़ियल स्वामी और उसके दोस्त दक्षिण भारत के काल्पनिक शहर मालगुडी की पृष्ठभूमि में जीवंत हो उठते हैं । उनके अधिकांश उपन्यास और कथा-संकलन मालगुडी की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं, और विभिन्न भाषाई पाठकों में बहुत सराहे गये हैं ।
विषय-सूची
एक | सोमवार की सुबह | 1 |
दो | राजम और मणि | 16 |
तीन | स्वामी की दादी | 23 |
चार | पूंछ क्या है? | 31 |
पांच | पिताजी का कमरा | 37 |
छह | संकट में काम आनेवाला मित्र | 43 |
सात | नया मेहमान | 48 |
आठ | परीक्षा से पहले | 51 |
नौ | स्कूल की छुट्टियां | 60 |
दस | गाड़ीवान का लड़का | 65 |
ग्यारह | पिता की उपस्थिति में | 75 |
बारह | टूटे कांच | 89 |
तेरह | एम.सी.सी. | 101 |
चौदह | दादी की नासमझी | 113 |
पंद्रह | मैच से पहले | 126 |
सोलह | स्वामी गायब हो गया | 140 |
सत्रह | मैच का दिन | 144 |
अठारह | वापसी | 155 |
उन्नीस | विदाई का उपहार | 162 |
पुस्तक के विषय में
मालगुड़ी के दस वर्षीय स्वामीनाथन के लिए जीवन का मतलब है'अध्यापक, स्कूल का काम, दोस्त, क्रिकेट, दादी, तथा और बहुत कुछ । रोमांचपूर्ण अनुभवों और कारनामों के बिना स्वामी का संसार अधूरा है । उसे दो स्कूलों से निकाला जाता है, और फिर एक दिन वह खुद भी घर से भाग खड़ा होता है ।
प्रख्यात कथाकार आर.के. नारायण की कलम से अड़ियल स्वामी और उसके दोस्त दक्षिण भारत के काल्पनिक शहर मालगुडी की पृष्ठभूमि में जीवंत हो उठते हैं । उनके अधिकांश उपन्यास और कथा-संकलन मालगुडी की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं, और विभिन्न भाषाई पाठकों में बहुत सराहे गये हैं ।
विषय-सूची
एक | सोमवार की सुबह | 1 |
दो | राजम और मणि | 16 |
तीन | स्वामी की दादी | 23 |
चार | पूंछ क्या है? | 31 |
पांच | पिताजी का कमरा | 37 |
छह | संकट में काम आनेवाला मित्र | 43 |
सात | नया मेहमान | 48 |
आठ | परीक्षा से पहले | 51 |
नौ | स्कूल की छुट्टियां | 60 |
दस | गाड़ीवान का लड़का | 65 |
ग्यारह | पिता की उपस्थिति में | 75 |
बारह | टूटे कांच | 89 |
तेरह | एम.सी.सी. | 101 |
चौदह | दादी की नासमझी | 113 |
पंद्रह | मैच से पहले | 126 |
सोलह | स्वामी गायब हो गया | 140 |
सत्रह | मैच का दिन | 144 |
अठारह | वापसी | 155 |
उन्नीस | विदाई का उपहार | 162 |